हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। देश की राष्ट्र भाषा हिंदी के प्रति इस दिन सम्मान भाव प्रकट करने के ध्येय से कई आयोजन किए जाते हैं। सरकारी व निजी कार्यालयों में इस दिन सारे संवाद हिंदी में किए जाने की कोशिशों के बीच, अभिव्यक्ति के तमाम मंचों पर गद्य एवं पद्य में हिंदी की बातें की जाती हैं। लेकिन आपके मन में सवाल उठता होगा कि हिंदी तो एक भाषा है। इसका कोई एक दिन कैसे हो सकता है। क्या इस दिन के पहले हिंदी का अस्तित्व नहीं था। ऐसे ही सारे सवालों एवं जिज्ञासाओं का हम यहां समाधान करने जा रहे हैं। जानिये हिंदी दिवस का अर्थ, इसका इतिहास, महत्व एवं इस दिन होने वाले आयोजनों के बारे में सब कुछ।
संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा। यह निर्णय 14 सितम्बर को लिया गया, इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था, इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था। हालांकि जब राष्ट्रभाषा के रूप में इसे चुना गया और लागू किया गया तो गैर-हिन्दी भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे और अंग्रेज़ी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा।
इसका मुख्य उद्देश्य वर्ष में एक दिन इस बात से लोगों को रूबरू कराना है कि जब तक वे हिन्दी का उपयोग पूरी तरह से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता है। इस एक दिन सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेज़ी के स्थान पर हिन्दी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा जो वर्ष भर हिन्दी में अच्छे विकास कार्य करता है और अपने कार्य में हिन्दी का अच्छी तरह से उपयोग करता है, उसे पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया जाता है।
केंद्रीय विद्यालय नंबर 1, कल्पाकम, संभाग- चेन्नई, के द्वारा हिंदी दिवस के उपलक्ष में हिंदी भाषा के ई पुस्तक की प्रदर्शनी लगाई जा रही है कृपया आप इस लिंक पर जाकर हिंदी की ई पुस्तके पढ़े और अपने अनुभव साझा करें I
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